उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों के विवाह में सहायता प्रदान करने वाली एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना का उद्देश्य न केवल आर्थिक मदद करना है, बल्कि समाज में सामाजिक समरसता और सर्वधर्म-समभाव को बढ़ावा देना भी है।
योजना की शुरुआत और उद्देश्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में 2017 में शुरू हुई इस योजना के तहत विभिन्न समुदायों और धर्मों के जोड़ों का विवाह उनके रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न कराया जाता है।
मुख्य लाभ और सहायता राशि
- ₹51,000 की सहायता राशि:
- ₹ 35,000/- कन्या (वधू) के दाम्पत्य जीवन में खुशहाली व गृहस्थी की स्थापना हेतु उसके बैंक खाते में अन्तरित का जाती है ।
- ₹10,000/- उपहार सामग्री के लिए।
- ₹6,000/- विवाह समारोह आयोजन के लिए।
- यह योजना सभी धर्मों और जातियों के लिए उपलब्ध है, जिससे सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा मिलता है।
पात्रता मानदंड
इस योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी को निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होंगी:
- आय सीमा: वार्षिक आय ₹2 लाख या इससे कम होनी चाहिए।
- आयु सीमा:
- वधू की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक।
- वर की आयु 21 वर्ष या उससे अधिक।
- उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना अनिवार्य है।
आवेदन करने का तरीका
लाभार्थी इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया सरल और उपयोगकर्ता अनुकूल है।
आवश्यक दस्तावेज:
- आधार कार्ड
- आय प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- वर-वधू की तस्वीरें
- मोबाइल नंबर
- बैंक खाता विवरण
ऑनलाइन आवेदन के लिए आधिकारिक वेबसाइट:
योजना के सामाजिक लाभ
यह योजना केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है। यह समाज में समानता और एकता को बढ़ावा देने के साथ-साथ विभिन्न धर्मों और जातियों को एक मंच पर लाकर सामाजिक समरसता को प्रोत्साहित करती है।
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना उत्तर प्रदेश सरकार की एक सराहनीय पहल है, जो गरीब परिवारों की बेटियों के लिए न केवल आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में भी अहम भूमिका निभा रही है।